
मेरठ जिले की स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता और सख्ती लाने के लिए जिलाधिकारी ने बड़ा निर्देश जारी किया है। विकास भवन में आयोजित जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में डीएम ने कहा कि छह माह से कम की एक्सपायरी दवाइयां मरीजों को बिल्कुल न दी जाएं और सभी अस्पतालों में डॉक्टरों की 100% उपस्थिति अनिवार्य हो।
साथ ही, अस्पतालों में साफ-सफाई, टीबी मरीजों के लिए निक्षय मित्र की नियुक्ति, और सभी स्वास्थ्य परियोजनाओं को समय पर पूर्ण करने के निर्देश दिए गए। डीएम ने मेडिकल स्टाफ को एप्रेन और आईकार्ड पहनना अनिवार्य किया है।
डीएम के मुख्य निर्देश:
- छह माह से कम एक्सपायरी दवाइयां मरीजों को न दें।
- डॉक्टरों की उपस्थिति हो 100%।
- अस्पतालों में साफ-सफाई हो प्राथमिकता।
- टीबी मरीजों का डाटा जुटाकर बनाए जाएं ‘निक्षय मित्र’।
- स्वास्थ्य योजनाएं समय पर हों पूर्ण।
- मेडिकल स्टाफ बिना एप्रेन और आईकार्ड के न रहें।
- जननी सुरक्षा योजना के लाभार्थियों को 100% भुगतान।
- अनावश्यक रेफर से बचें – सीएचसी और पीएचसी को निर्देश।
बैठक में सीडीओ नूपुर गोयल, सीएमओ डॉ. अशोक कटारिया, जिला कार्यक्रम अधिकारी सुरेश कुमार गुप्ता समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे। स्वास्थ्य योजनाओं जैसे आयुष्मान भारत गोल्डन कार्ड, संस्थागत डिलीवरी, और ब्लॉकवार रैंकिंग की समीक्षा कर अधिकारियों से रिपोर्ट तलब की गई है।