मेरठ के सरूरपुर थाना क्षेत्र के गांव नारंगपुर में दो युवकों के साथ जो कुछ हुआ, वह न केवल शर्मनाक है, बल्कि सामाजिक सौहार्द को चोट पहुंचाने वाला भी है। गांव के ही चार युवकों ने बाइक से जा रहे दो दोस्तों — सोनू और आसिफ — को रास्ते में रोक लिया। नाम पूछने के बाद जब एक युवक का नाम “आसिफ” बताया गया, तो आरोपियों ने दोनों को संदिग्ध बताकर बर्बरता की हदें पार कर दीं।
आपको बता दे कि चारों ने न केवल दोनों की जमकर पिटाई की, बल्कि सार्वजनिक रूप से बाल काट दिए और चेहरे पर कालिख पोत दी। पूरी घटना का वीडियो बनाया और वायरल करने की धमकी दी। ये सब एक सोची-समझी कोशिश लगती है किसी विशेष समुदाय को अपमानित करने और माहौल को बिगाड़ने की। पीड़ित पक्ष ने नारंगपुर के मुकुल त्यागी, विकास, विनीत और प्रियांक के खिलाफ नामजद तहरीर दी, लेकिन पुलिस ने इस पूरे गंभीर मामले को बस “शांतिभंग” की श्रेणी में रखकर आरोपियों का चालान कर दिया। यह न केवल कानून के साथ मजाक है, बल्कि पीड़ितों के साथ अन्याय भी।
एसपी देहात राकेश कुमार मिश्र ने कहा कि उन्हें इस घटना की जानकारी नहीं दी गई थी और अब इस पर जवाब तलब किया गया है। जांच के बाद सख्त कार्रवाई की बात कही जा रही है, लेकिन सवाल यह है कि जब पहली ही बार में पुलिस ने अपनी संवेदनशीलता और जिम्मेदारी नहीं निभाई, तो क्या भरोसा किया जाए कि आगे न्याय मिलेगा?