
शाही ईदगाह में इस बार भी ईद-उल-अजहा की नमाज केवल एक बार अदा की जाएगी और यह सुबह 7 बजे होगी। कमेटी ने परंपरा के अनुसार इस बार भी देवबंद के किसी वरिष्ठ आलिम-ए-दीन से नमाज अदा करवाने का निर्णय लिया है।
शाही ईदगाह कमेटी की बैठक में यह अहम फैसला लिया गया, जिसमें यह स्पष्ट किया गया कि नमाजियों की बढ़ती संख्या के बावजूद दो बार नमाज पढ़ाने का प्रस्ताव फिलहाल स्थगित कर दिया गया है। इस विषय पर दो दिनों तक विचार-विमर्श किया गया।
कमेटी के सचिव सय्यद सलमान सब्जवारी ने बताया कि शहर में नमाजियों की संख्या लगातार बढ़ रही है और शाही ईदगाह का स्थान सीमित है, इस कारण कुछ लोगों ने नमाज दो बार कराने का सुझाव दिया था। हालांकि समय और संसाधनों की कमी के चलते इस बार यह संभव नहीं हो पाया। उन्होंने बताया कि अगली ईद-उल-फितर से पहले इस प्रस्ताव पर पुनः विचार किया जाएगा और ज़रूरत पड़ी तो विस्तृत योजना बनाई जाएगी।
ईदगाह के बाहर नमाज ना पढ़ने की अपील
शाही ईदगाह कमेटी ने सभी प्रमुख मस्जिदों, विशेष रूप से फैज-ए-आम मस्जिद से अपील की है कि वे अपने यहां ईद की नमाज का समय ईदगाह की नमाज के बाद निर्धारित करें। इसका उद्देश्य यह है कि यदि कोई व्यक्ति शाही ईदगाह की नमाज में शरीक न हो सके, तो वह सड़क पर नमाज अदा करने के बजाय किसी नजदीकी मस्जिद में नमाज पढ़ सके। कमेटी ने आम मुसलमानों से भी अपील की है कि ईदगाह परिसर के बाहर या सड़कों पर नमाज अदा न करें, ताकि सामूहिक व्यवस्था बनी रहे और शांति व सुचारु संचालन सुनिश्चित हो।
बैठक में शामिल प्रमुख लोग
बैठक में रऊफ उल हसन अंसारी, अलाउद्दीन सिद्दीकी, कारी शफीकुर्रहमान कासमी, फैज अहमद, डॉ. माजिद, अंजुम जमाल, तंसीर अहमद, सरफराज अहमद, नौशाद अहमद, सगीर अजमल, यासीन अब्बासी, मोइनुद्दीन, और काजी रियाज आदि मौजूद रहे।