मेरठ। अगर आपने चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में मोबाइल जर्नलिज्म, फिल्म प्रोडक्शन या फैशन डिजाइन जैसे कोर्स करने का सपना देखा था, तो अब उसे टालना पड़ेगा। विश्वविद्यालय प्रशासन ने ऐसे दस पाठ्यक्रमों पर ताला लगाने का फैसला किया है, जिनमें छात्रों की दिलचस्पी लगातार तीन वर्षों से बेहद कम रही।

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की समीक्षा बैठक के बाद आया यह फैसला सत्र 2025-26 से लागू होगा। मकसद है—सिर्फ वही पढ़ाया जाए जिसकी ज़रूरत हो, और जो युवाओं को रोजगार की रेस में आगे ला सके।
ये 10 कोर्स अब नहीं रहेंगे उपलब्ध:
- बैचलर इन सिनेमैटोग्राफी
- सर्टिफिकेट इन मोबाइल जर्नलिज़्म
- सर्टिफिकेट इन उर्दू कंपोज़िंग
- एमएससी होम साइंस (ह्यूमन डेवलपमेंट)
- पीजी डिप्लोमा इन फिल्म प्रोडक्शन
- पीजी डिप्लोमा इन पब्लिक हेल्थ
- पीजी डिप्लोमा इन टूरिज्म एंड होटेलियरिंग
- एमए मास मीडिया (उर्दू)
- एमएफए फैशन डिज़ाइन
- एमएफए टेक्सटाइल डिज़ाइन
विश्वविद्यालय की विद्वत परिषद की ऑनलाइन बैठक में कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला की अध्यक्षता में यह अहम फैसला लिया गया। जिन कोर्सेज़ में बीते तीन साल में 10 से भी कम नामांकन हुए, उन्हें हटाकर स्थानीय ज़रूरतों के मुताबिक नए स्किल-बेस्ड कोर्स शुरू किए जाएंगे।
कुछ बदलावों की झलक:
अब भूगोल विभाग में बीए/बीएससी और एमए/एमएससी कोर्स को नए नाम — बीए ऑनर्स भूगोल और एमए भूगोल के तौर पर पढ़ाया जाएगा। साथ ही, विश्वविद्यालय ने विभिन्न बोर्ड ऑफ स्टडीज से पास हुए नए कोर्सेस को भी मंज़ूरी दे दी है। जल्द ही उनमें प्रवेश की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
तो क्या करें छात्र?
यदि आपने उपरोक्त कोर्स के लिए आवेदन की योजना बनाई थी, तो अब वक्त है विकल्पों की ओर रुख करने का। नए शुरू होने वाले कोर्स स्थानीय रोजगार और उद्योग की मांगों पर केंद्रित होंगे, जिससे स्किल्स और करियर दोनों को गति मिलेगी।