मध्य प्रदेश के टीकमगढ के रहने वाले रामदयाल को ट्रैन में मौजूद पुलिसकर्मी ने बुरी तरह पीटा। मजदूर रामदयाल जनरल कोच के बाथरूम के पास बीडी पी रहा था। यह देखकर ट्रैन में मौजूद पुलिसकर्मी आग बबूला हो गया और रामदयाल को इतना पीटा की उसकी मौत हो गई।

आपको बता दे की रामदयाल ट्रैन से अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिया दिल्ली मजदूरी करने जा रहा था। मजदूर बाथरूम के बहार बैठ कर बीड़ी पी रहा था। तभी वह पर मौजूद पुलिसकर्मियों की नजर उस पर पड़ी। 50 साल के रामदयाल को खींचते हुए वह पहले स्लीपर कोच में ले गया। वहां जमकर पीटा और फिर पीटते हुए जनरल कोच तक लाया। इस पिटाई से रामदयाल बेहोश हो गए।प्रत्यक्षदर्शियों ने बतया कि रामदयाल ने कोई प्रतिरोध नहीं किया, लेकिन पुलिस ने उसको इतना मारा कि वह वहीं गिर पड़ा। रामदयाल को इलाज तक नहीं मिल सका और कुछ देर में उसकी मौत हो गई। यात्रियों के अनुसार, पुलिसकर्मी उसे किसी स्टेशन पर उतारने की बजाय बेहोशी की हालत में छोड़कर चला गया ।
कानून क्या कहता है
दरअसल, भारतीय रेलवे अधिनियम के तहत ट्रैन में धूम्रपान करना वर्जित हैं और इसके लिया 200 रुपए जुर्माना भी लगाया जा सकते है। तो ऐसे में जुर्माना लगाने की जगह किसी को पीट-पीटकर मार देना ठीक है? यह घटना इस बात का प्रतीक बन गई है कि कैसे कानून के नाम पर गरीबों को डराया और दबाया जाता है।
बता दे की मृतक के परिजनों ने मांग की है कि दोषी पुलिसकर्मियों को निलंबित कर उनके खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाए। अब देखना यह है कि प्रशासन इस मामले को कितनी गंभीरता से लेता है और रामदयाल के परिवार को न्याय दिलाने के लिए क्या कदम उठाता है।