
मेरठ: सावन माह की शुरुआत 11 जुलाई से हो रही है और इसी के साथ शुरू होगी यूपी वेस्ट की सबसे बड़ी धार्मिक यात्रा – कांवड़ यात्रा। लाखों की संख्या में शिवभक्त हरिद्वार, गोमुख और अन्य पवित्र स्थलों से गंगाजल लाकर अपने आराध्य भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं। मेरठ, मुजफ्फरनगर और गाज़ियाबाद से होकर गुजरने वाली इस यात्रा को सकुशल सम्पन्न कराने के लिए प्रशासन ने व्यापक तैयारियां शुरू कर दी हैं।
इस बार यात्रा को सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने के लिए AI तकनीक और ड्रोन कैमरों का सहारा लिया जाएगा। मेरठ मंडल में जिला अधिकारियों की अहम बैठक हुई जिसमें यात्रा मार्गों की निगरानी, साफ-सफाई, विद्युत सुरक्षा, सड़क मरम्मत और दुर्घटनाओं की रोकथाम को लेकर विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए।
मुख्य निर्देश और तैयारियां:
• PWD विभाग को सभी कांवड़ मार्गों को गड्ढा मुक्त करने के निर्देश दिए गए हैं।
• स्वास्थ्य विभाग को चिकित्सा शिविर, दवाइयों और एंबुलेंस की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश हैं।
• विद्युत विभाग को रोड क्रॉस करने वाली तारों की ऊंचाई की जानकारी साझा करने को कहा गया है, जिससे डीजे कांवड़ की ऊंचाई के चलते दुर्घटनाएं न हों।
• डीआईजी कलानिधि नैथानी ने सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेल बनाने और अफवाहों पर नजर रखने को कहा है।
• मंडलायुक्त ऋषिकेश भास्कर यशोद ने बताया कि मंदिरों के आसपास सफाई, पथ प्रकाश, झाड़ियों की कटाई, बाइक एंबुलेंस और CCTV कैमरों की तैनाती की जाएगी।
• डीजे कांवड़ को लेकर विशेष निर्देश जारी हुए हैं कि ध्वनि और ऊंचाई मानक के अनुसार ही डीजे का प्रयोग किया जाए। पिछले वर्षों में डीजे की ऊंचाई के कारण दुर्घटनाएं हुई थीं, इसलिए इस बार कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी।
प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे नियमों का पालन करें और यात्रा को शांतिपूर्ण एवं सफल बनाने में सहयोग करें। आने वाले दिनों में ट्रैफिक रूट डायवर्जन और कांवड़ यात्रा से संबंधित सभी जानकारी जनता को विभिन्न माध्यमों से उपलब्ध कराई जाएगी।