
मेरठ में बकरीद की नमाज शांति, सद्भाव और भाईचारे के माहौल में अदा की गई। शाही ईदगाह में शहर काजी जैनुस सालिकीन ने नमाज अदा कराई और अपने संबोधन में इस्लाम की मूल शिक्षाओं को उजागर करते हुए कहा कि “इस्लाम में किसी बेगुनाह का कत्ल हराम है”। उन्होंने इंसान की जान, माल और इज्जत की हिफाजत को हर मुसलमान का फर्ज बताया।
नमाज के बाद शहरवासियों ने एक-दूसरे को गले लगाकर मुबारकबाद दी और कुर्बानी का सिलसिला शुरू हुआ। शहर काजी ने तकरीर में कहा कि किसी का हक नहीं मारना चाहिए, न ही किसी की बेइज्जती करनी चाहिए। उन्होंने झूठी शान के लिए लिए जाने वाले कर्ज और उस पर दिए जाने वाले ब्याज को इस्लाम में हराम करार दिया। साथ ही बताया कि किस तरह यह छोटे-छोटे गुनाह बड़े अंजाम की ओर ले जाते हैं।
“अल्लाह की नजर में सभी बराबर हैं,” यह कहते हुए उन्होंने घमंड और दूसरों को नीचा दिखाने की मानसिकता की आलोचना की। उन्होंने कुरान और हदीस के अनुसार जीवन जीने और बेहतर इंसान बनने की सीख दी। शौहर और बीवी के हकों की भी चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि रिश्तों में इंसाफ और मोहब्बत जरूरी है।
बकरीद के मौके पर हजरत इब्राहिम और उनके बेटे हजरत ईस्माइल की कुर्बानी की मिसाल देते हुए, शहर काजी ने अल्लाह के हुक्म पर चलने और आत्म समर्पण की भावना को पर्व का मूल संदेश बताया। फैज-ए-आम इंटर कॉलेज, खैर नगर हौज वाली मस्जिद और लालकुर्ती की भैया जी वाली मस्जिद में भी शांतिपूर्ण ढंग से बकरीद की नमाज अदा की गई। प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुख्ता इंतजाम किए थे और हर जगह अमन का माहौल बना रहा।