
पीलीभीत जिले के एक गांव में बुधवार शाम एक दर्दनाक हादसे ने पूरे गांव को हिलाकर रख दिया। शौचालय के नए सीवर टैंक की सफाई के दौरान जहरीली गैस के रिसाव से एक ग्रामीण की मौत हो गई। उसे बचाने के लिए उतरी उसकी बेटी और दामाद की भी दम घुटने से जान चली गई। इस हृदयविदारक घटना ने पूरे गांव में कोहराम मचा दिया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, गांव निवासी प्रहलाद मंडल ने कुछ दिन पहले घर के बाहर शौचालय बनवाया था। पहले से बने सीवर टैंक का आकार छोटा होने के कारण उन्होंने पास में ही करीब आठ फीट गहरा नया टैंक बनवाना शुरू किया था। टैंक का स्लैब रखे जाने के बाद बुधवार शाम प्रहलाद स्वयं उसमें उतरकर सफाई करने लगे।
सफाई के दौरान ही प्रहलाद टैंक में छटपटाने लगे। यह देख उनकी पुत्री तनु और दामाद कार्तिक विश्वास उन्हें बचाने नीचे उतरे, लेकिन कुछ ही मिनटों में तीनों की दम घुटने से मौत हो गई। बताया जा रहा है कि पुराने टैंक की दीवार को तोड़कर उसे नए टैंक से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा था, तभी यह हादसा हुआ।
चीख-पुकार सुनकर प्रहलाद की पत्नी कोकिला ने शोर मचाया। आसपास के ग्रामीण मदद को दौड़े। दयाल नामक एक ग्रामीण ने भी बचाने की कोशिश की, लेकिन गैस के असर से उसकी तबीयत बिगड़ गई। हालांकि ग्रामीणों की तत्परता से दयाल की जान बचा ली गई। सूचना मिलने पर स्थानीय पुलिस और प्रशासन मौके पर पहुंचा। तहसीलदार वीरेंद्र कुमार ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। पुलिस के अनुसार, मौत का असली कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद स्पष्ट होगा।
गांव में मातम पसरा, सुरक्षा मानकों की अनदेखी पर उठे सवाल
इस दर्दनाक हादसे के बाद गांव में शोक की लहर है। एक ही परिवार के तीन लोगों की एक साथ मौत से ग्रामीण स्तब्ध हैं। घटना ने सीवर टैंक सफाई के दौरान सुरक्षा उपायों की घोर अनदेखी को उजागर किया है। बिना किसी सुरक्षा उपकरण और गैस जांच के टैंक में उतरना जानलेवा साबित हो सकता है। स्थानीय लोग प्रशासन से ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की मांग कर रहे हैं।