
उत्तर प्रदेश के बागपत में मकान के पारिवारिक विवाद में सेना के जवानों की फिल्मी स्टाइल में एंट्री ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है। गांव वाजिदपुर में सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य धीर सिंह तोमर के मकान पर उनके छोटे भाई और भतीजे लेफ्टिनेंट कर्नल तरुण कुमार ने कब्जा करने के लिए फौजियों की एक टुकड़ी भेज दी। फौजियों ने सेना की गाड़ी में आकर मकान के गेट और ताले हथौड़ों से तोड़ डाले और गेट को ट्रक में लादकर साथ ले गए।
यह पूरा घटनाक्रम वीडियो में कैद हुआ, जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। इसके बाद बड़ोत कोतवाली पुलिस ने मामले में रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
धीर सिंह के अनुसार, उन्होंने दिसंबर 2024 में गांव की पैतृक जमीन पर मकान बनवाया था और इसे अपनी नाबालिग पौत्री हिमांशी के नाम गिफ्ट कर दिया था। हिमांशी के पिता की 2011 में मृत्यु हो चुकी है। आरोप है कि 17 मई को तरुण कुमार ने जबरन ताला तोड़ा और फिर 19 मई को सेना की गाड़ी में कुछ फौजियों को लाकर मकान पर कब्जा कर लिया।
फौजियों ने मकान में तोड़फोड़ की और विरोध करने पर हिमांशी को धमकाया। वीडियो बनाने पर उसके साथ मारपीट की गई और गोली मारने की धमकी दी गई। घटना के बाद से क्षेत्र में मामला गर्माया हुआ है। पुलिस ने वीडियो और बयान के आधार पर जांच शुरू कर दी है। सेना की ओर से इस पर अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन यह घटना सैन्य अनुशासन और नागरिक मामलों में दखल को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर रही है।