
उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में सड़क किनारे ठेले से खरीदे गए मोमोज एक परिवार के लिए ज़हर साबित हुए। सेक्टर जू-2 निवासी एक ही परिवार के चार सदस्य मोमोज खाने के बाद फूड पॉइजनिंग का शिकार हो गए। फिलहाल सभी का इलाज कैलाश अस्पताल, ग्रेटर नोएडा में जारी है।
घटना 25 मई की शाम की है, जब विनय कसाना अपने परिवार के साथ अल्फा-1 कमर्शियल बेल्ट में घूमने गए थे। वहीं एक फूड स्टॉल से मोमोज खरीदकर सभी ने घर आकर खाया। कुछ ही घंटों में विनय कसाना, उनकी बहन दीपिका, पत्नी पारुल और मां मुनिता की तबीयत बिगड़ गई। सभी को उल्टी, दस्त और तेज बुखार जैसे लक्षण दिखाई देने लगे।
26 मई की सुबह सभी को कैलाश अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने फूड पॉइजनिंग की पुष्टि की। डॉक्टरों को संदेह है कि मोमोज में हानिकारक केमिकल या बासी सामग्री का उपयोग किया गया था। परिवार ने गुरुवार को खाद्य विभाग में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद खाद्य सुरक्षा अधिकारी सैयद इबादुल्ला ने अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचकर जांच की। फूड स्टॉल से मोमोज और चटनी के सैंपल लिए गए हैं और लैब जांच के लिए भेजे गए हैं।
बिना लाइसेंस के चल रहा था स्टॉल
जांच में यह भी सामने आया है कि जिस फूड स्टॉल से मोमोज खरीदे गए, उसके पास कोई वैध खाद्य लाइसेंस नहीं है। सहायक आयुक्त (खाद्य) द्वितीय सर्वेश मिश्रा ने बताया कि यदि सैंपल जांच में खराबी पाई जाती है, तो फूड स्टॉल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बिना लाइसेंस दुकान चलाने के आरोप में भी कार्यवाही तय है।
खाद्य विभाग की अपील
खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने आम जनता से अपील की है कि वे सड़क किनारे अस्वच्छ और बिना लाइसेंस वाले स्टॉल्स से खाने से बचें। इस तरह की लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है।