
उत्तराखंड: चारधाम यात्रा को लेकर इस वर्ष श्रद्धालुओं में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है। अब तक 31 लाख से अधिक श्रद्धालु ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यम से यात्रा के लिए पंजीकरण करा चुके हैं। यह संख्या न केवल उत्तराखंड पर्यटन की सफलता को दर्शाती है, बल्कि श्रद्धा और आस्था की अटूट शक्ति को भी रेखांकित करती है।
चारधाम यात्रा की शुरुआत होते ही पहले से ही बड़ी संख्या में भक्तों ने केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री और हेमकुंड साहिब के दर्शन कर लिए हैं। अब तक 12 लाख से अधिक श्रद्धालु यात्रा पूरी कर चुके हैं, जिनमें अकेले केदारनाथ धाम में 10,55,694 पंजीकरण दर्ज किए गए हैं, जो अन्य धामों से सबसे अधिक है।
22 मई को रिकॉर्ड 27,000 से अधिक ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन
राज्य सरकार द्वारा तीर्थ यात्रियों के लिए 28 अप्रैल से हरिद्वार, ऋषिकेश, हरबर्टपुर, नयागांव और विकासनगर में ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था की गई है। खास बात यह रही कि 22 मई को एक ही दिन में रिकॉर्ड 27,000 से अधिक पंजीकरण हुए, जो श्रद्धालुओं की बढ़ती रुचि को दर्शाता है।
यात्रा के लिए व्यापक प्रबंध और सुरक्षा
गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे ने जानकारी दी कि यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा के लिए इस बार विशेष प्रबंध किए गए हैं। अलग-अलग धामों में यात्रियों की निगरानी और सहयोग के लिए वरिष्ठ अधिकारियों की नियुक्ति की गई है।
नोडल अधिकारी योगेंद्र गंगवार ने बताया कि यात्रियों को रजिस्ट्रेशन में किसी प्रकार की परेशानी न हो, इसके लिए पर्याप्त काउंटर और ऑनलाइन सहायता भी उपलब्ध कराई गई है।
धामवार पंजीकरण के आंकड़े (अब तक):
- केदारनाथ धाम: 10,55,694
- बद्रीनाथ धाम: 9,61,953
- गंगोत्री धाम: 5,68,355
- यमुनोत्री धाम: 5,16,317
- हेमकुंड साहिब: 63,906
आस्था और प्रकृति का संगम
चारधाम यात्रा सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि आत्मिक शांति और हिमालय की गोद में ईश्वर से मिलने की अनुभूति है। इस साल की अपार भागीदारी यह सिद्ध करती है कि श्रद्धालुओं का मन अब भी हिमालय की पुकार सुनता है।