
उत्तर प्रदेश के बागपत न्याय के तराजू ने एक बार फिर साबित किया कि अत्याचार कितना भी छिपाया जाए, सच एक दिन सामने आ ही जाता है। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पवन कुमार राय की अदालत ने एक हृदयविदारक मामले में पति को पत्नी की नृशंस हत्या के अपराध में उम्रकैद की सजा सुनाई है। साथ ही ₹1.25 लाख रुपये का जुर्माना भी ठोका गया है। जुर्माना न चुकाने की स्थिति में एक वर्ष की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
दौलतपुर गांव निवासी राशिद ने 28 मई 2019 को थाना बिनौली में मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप था कि उसकी बहन रूबी का विवाह जनवरी 2017 में मतीन (निवासी: दरकावदा) के साथ हुआ था। शादी के कुछ ही समय बाद रूबी को दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाने लगा और तीन लाख रुपये की मांग रखी गई।
राशिद ने बताया कि 28 मई 2019 को मतीन सहित उसके परिजनों—यासमीन (सास), महबूब (ससुर), चांद खातून, शहजाद, और गुड्डो—ने मिलकर रूबी पर तेल डालकर आग के हवाले कर दिया। गंभीर रूप से झुलसी रूबी की अस्पताल में दर्दनाक मौत हो गई।
पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार किया और न्यायालय में मतीन, यासमीन और महबूब के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। मुकदमे की सुनवाई के दौरान यासमीन और महबूब की मृत्यु हो गई। परंतु मुख्य आरोपी मतीन के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य मिलने पर अदालत ने उसे दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा दी।