
चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय (CCSU), मेरठ का हॉस्टल शनिवार रात उस वक्त प्रदर्शन का केंद्र बन गया जब भोजन की गुणवत्ता को लेकर नाराज़ छात्रों ने यूनिवर्सिटी प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। मामला उस समय और गरमा गया जब डिलीवरी बॉय को खाना लेकर आए वक्त हॉस्टल के अंदर घुसने से रोका गया और कथित रूप से वार्डन और सुरक्षाकर्मियों द्वारा बंधक बना लिया गया।
‘ना मेस का खाना खा सकते, ना बाहर से मंगा सकते’
हॉस्टल में रह रहे छात्रों का आरोप है कि मेस का खाना न केवल स्वादहीन है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक है। छात्रों का कहना है कि कई बार शिकायतों के बावजूद न तो गुणवत्ता में सुधार हुआ और न ही प्रशासन ने कोई कार्रवाई की।
शनिवार रात 11 बजे के करीब जब भूखे छात्रों ने स्विगी से खाना मंगाया तो डिलीवरी बॉय को गेट पर रोक लिया गया। छात्रों का कहना है कि जब उन्होंने विरोध किया तो डिलीवरी बॉय को गार्ड और वार्डन ने जबरन रोक लिया और कथित तौर पर उसे गालियां दीं व धमकाया कि यदि वह रात 9 बजे के बाद फिर से आया तो उसका बैग जब्त कर लिया जाएगा।
छात्रों का गुस्सा फूटा, नारेबाजी और भूख हड़ताल की चेतावनी
घटना की खबर फैलते ही रात 12 बजे तक हॉस्टल परिसर में दर्जनों छात्र इकट्ठा हो गए और जमकर नारेबाजी की। छात्रों का कहना है कि यूनिवर्सिटी प्रशासन उन्हें जानबूझकर प्रताड़ित कर रहा है। एक छात्र ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “हम न तो मेस का खाना खा सकते हैं, और जब बाहर से मंगाते हैं तो डिलीवरी वालों को अंदर नहीं आने दिया जाता। आखिर हम खाएं क्या?”
छात्रों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर सुनवाई नहीं हुई तो सभी हॉस्टल के छात्र मिलकर भूख हड़ताल करेंगे।
प्रशासन की चुप्पी, छात्र नाराज़
घटना के बाद भी विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से कोई औपचारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। हालांकि छात्रों का आंदोलन देर रात तक जारी रहा और डिलीवरी बॉय को काफी देर बाद छोड़ा गया।