
गोरखपुर की एक युवती के साथ मेरठ में नौकरी के नाम पर जो हुआ, वह न सिर्फ इंसानियत बल्कि कानून व्यवस्था पर भी सवाल खड़े करता है। इंटरनेट पर दोस्ती के बाद मेरठ की एक युवती ने उसे दिल्ली-दून हाईवे स्थित ओयो होटल में नौकरी का झांसा देकर बुलाया। वहां उसे 73 दिन तक जबरन बंधक बनाकर रखा गया। न वेतन मिला, न इज्जत। होटल संचालक ने कई बार दुष्कर्म की कोशिश की और विरोध करने पर मारपीट कर उसके बैग में रखे तीन लाख रुपये व सामान भी छीन लिए।
किसी तरह होटल से भागकर पीड़िता परतापुर थाने पहुंची, लेकिन वहां से भी उसे सिर्फ निराशा ही मिली। पुलिस ने उसकी तहरीर तो ले ली, पर रिपोर्ट दर्ज नहीं की। तीन दिन तक थाने के चक्कर लगाने के बाद जब उसने विरोध किया तो महिला कांस्टेबल ने उसे थप्पड़ मारकर भगा दिया।
युवती ने जब मुख्यमंत्री से शिकायत करने की बात कही तो पुलिसकर्मियों में हड़कंप मच गया। आनन-फानन होटल संचालक और रिसेप्शनिस्ट को थाने बुलाया गया। लेकिन तब तक मामला काफी बिगड़ चुका था। इंस्पेक्टर और एसपी सिटी पहले तो किसी जानकारी से इनकार करते रहे, बाद में बताया कि दोनों पक्षों में “समझौता” हो गया है और युवती ने लिखित में कार्रवाई न करने की बात कही है।