बागपत, सिरसली: पंचायत चुनाव की तैयारी में जुटे ग्राम प्रधान धर्मेंद्र तोमर की बुधवार शाम दिनदहाड़े गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई। हत्या का आरोप गांव के ही कुख्यात हिस्ट्रीशीटर आयुष पर है, जिसने अपने साथी के साथ मिलकर वारदात को अंजाम दिया। गोलीबारी में एक सेवानिवृत्त दरोगा का बेटा भी घायल हो गया है, जो प्रधान को बचाने की कोशिश कर रहा था।
आपको बता दे कि शाम के वक़्त ग्राम प्रधान धर्मेंद्र तोमर उर्फ धर्मा (48) सिरसली गांव में टेंपो स्टैंड के पास ग्रामीणों के साथ बैठकर ताश खेल रहे थे। अचानक बाइक पर आए हिस्ट्रीशीटर आयुष ने बातचीत के बहाने प्रधान से पूछा, “क्या फिर से चुनाव लड़ोगे?” धर्मेंद्र के “हां” कहते ही आयुष और उसके साथी ने पिस्टल निकालकर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। चार गोलियां लगते ही धर्मेंद्र ज़मीन पर गिर पड़े, वहीं पास में बैठे सेवानिवृत्त एसआई के बेटे विनीत ने बीच-बचाव की कोशिश की, तो हमलावरों ने उसके हाथ में गोली मार दी। इसके बाद दोनों आरोपी मौके से फरार हो गए।
मकसद: चुनावी रंजिश या वर्चस्व की लड़ाई?
प्रारंभिक जांच के मुताबिक, आयुष अपने किसी पारिवारिक सदस्य को प्रधान बनाना चाहता था। धर्मेंद्र के दोबारा चुनाव लड़ने की घोषणा से वह बौखला गया था। जानकारी के अनुसार, आयुष पर हत्या, लूट व अन्य गंभीर धाराओं में करीब 12 मुकदमे दर्ज हैं। कुछ समय पहले ही वह हत्या प्रयास के केस में हरिद्वार जेल से जमानत पर बाहर आया था। उसके पिता भी हत्या के एक मामले में जेल की सजा काट रहे हैं।
परिवार में शोक की लहर
घायल विनीत का इलाज मेरठ के अस्पताल में चल रहा है, जबकि धर्मेंद्र को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। मृतक प्रधान के दो भाई यूपी पुलिस में तैनात हैं — एक सहारनपुर और दूसरा पीलीभीत में सब-इंस्पेक्टर हैं। एसपी सूरज कुमार राय ने बताया कि आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीमें गठित कर दी गई हैं। गांव में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात है ताकि कोई अप्रिय घटना न हो।