मेरठ, सरधना: पारिवारिक संपत्ति को लेकर चल रहे विवाद ने एक महिला को इस हद तक मजबूर कर दिया कि उसने ज़िंदा रहने की इच्छा ही छोड़ दी। सरधना की रहने वाली शशिबाला ने एसएसपी मेरठ को पत्र लिखकर इच्छा मृत्यु की अनुमति मांगी है। उनका आरोप है कि मोहल्ले के कुछ लोग उनकी पुश्तैनी संपत्ति पर जबरन कब्जा करना चाहते हैं, और स्थानीय पुलिस उन्हीं आरोपियों का साथ दे रही है।

दीवार के पीछे कैद ज़िंदगी
शशिबाला, जो मोहल्ला किशोरकान की निवासी हैं, ने बताया कि वे अपने माता-पिता की इकलौती और अविवाहित संतान हैं। उनके अनुसार, मोहल्ले के कुछ लोगों ने उनके मकान के मुख्य रास्ते पर अवैध दीवार खड़ी कर दी है, जिससे वे अपने ही घर में कैद होकर रह गई हैं। यह सब कुछ, उनका कहना है, पुलिस की मौजूदगी और मौन सहमति से हुआ।
पुलिस पर पक्षपात के आरोप
पीड़िता ने आरोप लगाया कि जब उन्होंने इस उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाई, तो थाना सरधना की पुलिस ने आरोपियों का साथ देते हुए न केवल शिकायतों को नजरअंदाज किया बल्कि उन्हीं की मौजूदगी में दीवार खड़ी करवा दी गई। इतना ही नहीं, शशिबाला ने यह भी कहा कि उन्हें लगातार जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं, जिससे उनका मानसिक संतुलन भी बिगड़ रहा है।
इच्छा मृत्यु: न्याय न मिलने की पीड़ा का अंतिम पड़ाव
शशिबाला ने कहा कि जब सिस्टम से बार-बार न्याय मांगने के बावजूद सिर्फ निराशा ही हाथ लगे, तो अब जीने की इच्छा खत्म हो चुकी है। उन्होंने एसएसपी से लिखित पत्र के माध्यम से इच्छा मृत्यु की अनुमति की मांग की है, ताकि वे इस अपमानजनक और असुरक्षित जीवन से मुक्ति पा सकें। अब देखना यह है कि मेरठ पुलिस इस मामले को किस संजीदगी से लेती है और क्या शशिबाला को न्याय दिलाने की दिशा में कोई ठोस कदम उठाया जाएगा या फिर उनकी आवाज़ भी अन्य हजारों की तरह अनसुनी रह जाएगी।