उत्तर प्रदेश के मेरठ में महिलाओं के साथ मारपीट की घटना ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने इस घटना से संबंधित एक वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया है, जिसमें कथित तौर पर पुलिस द्वारा महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार दिखाया गया है। उन्होंने इस घटना की निंदा करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है। महिलाओं की सुरक्षा और पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़े कर रही है। राजनीतिक दलों के बीच इस मुद्दे को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है।
इंचौली थाना क्षेत्र के लावड़ में तीन दिन पूर्व जमीन को लेकर दो भाई सुनील व सुशील में विवाद हो गया था। इसके बाद सुनील ने लावड़ चौकी पर तहरीर दी थी। सूचना पर दो दरोगा मौके पर पहुंचे थे। इसके बाद परिवार के लोगों की पुलिस से नोंकझोक हो गई थी। इस बीच परिवार ने दरोगा अमित कुमार के साथ मारपीट कर दी थी। दरोगा चोट लगने से घायल हो गया था। इसके बाद पुलिस ने महिलाओ पर लाठीचार्ज कर दिया और तीन लोगों का शांतिभंग में चालान कर दिया था। लाठीचार्ज के वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया शनिवार को सरधना विधायक अतुल प्रधान पीड़ित परिवार के साथ एसएसपी कार्यालय पहुंचे। विधायक ने कहा कि पुलिस ने दलित समाज के लोगों पर लाठीचार्ज कर अत्याचार किया है।
इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए सपा विधायक अतुल प्रधान ने आमरण अनशन की घोषणा की है। उन्होंने कहा है कि जब तक दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं होती, वे अपना अनशन जारी रखेंगे। यह मामला अब राजनीतिक और सामाजिक दोनों स्तरों पर चर्चा का विषय बन गया है।
स्थानीय प्रशासन ने जांच के आदेश दिए हैं और मामले की गंभीरता को देखते हुए वरिष्ठ अधिकारियों को जांच सौंपी गई है। हालांकि, अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है कि दोषियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाएगी।
विधायक अतुल प्रधान उच्च अधिकारियों से दोषी पुलिसकर्मियों को बर्खास्त करने की मांग की। अतुल प्रधान का कहना है कि अगर पीड़ित परिवार को न्याय नहीं मिला तो सर्व समाज के साथ आमरण अनशन पर बैठेंगे। एसएसपी डॉ. विपिन ताडा ने कहा कि पूरे मामले की जांच की जा रही है। जांच के बाद अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।