उत्तर प्रदेश के मेरठ की रहने वाली सना, जो पाकिस्तान में शादी के बाद अपने दो छोटे बच्चों के साथ भारत आई थीं, अब एक जटिल स्थिति का सामना कर रही हैं। सना का पासपोर्ट भारतीय है, जबकि उनके दोनों बच्चों के पासपोर्ट पाकिस्तानी हैं। इस कारण, जब वह अपने बच्चों के साथ पाकिस्तान लौटने का प्रयास कर रही थीं, तो उन्हें वाघा बॉर्डर पर रोक दिया गया।
घटना का विवरण:
- सना की पृष्ठभूमि: सना का निकाह 2020 में पाकिस्तान में रहने वाले अपने बुआ के बेटे से हुआ था। वह पाकिस्तान में टूरिस्ट वीजा पर रहती थीं, जो हर छह माह बाद बढ़ता रहता है। नौ साल बाद ही पाकिस्तान की नागरिकता मिलती है। उनके दोनों बच्चों का जन्म पाकिस्तान में हुआ है, जिससे वे जन्मजात पाकिस्तानी नागरिक हैं।
- भारत यात्रा: सना अपने बच्चों के साथ 45 दिन के वीजा पर भारत आई थीं। हाल ही में, भारत सरकार ने पाकिस्तान से आए लोगों को देश छोड़ने का आदेश जारी किया है। इस आदेश के तहत, सना अपने बच्चों के साथ पाकिस्तान लौटने के लिए वाघा बॉर्डर पहुंचीं।
- बॉर्डर पर समस्या: वाघा बॉर्डर पर, सना को भारतीय पासपोर्ट होने के कारण पाकिस्तान में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई, जबकि उनके बच्चों को पाकिस्तानी पासपोर्ट होने के कारण प्रवेश की अनुमति दी जा रही थी। सना ने अपने बच्चों को अकेले पाकिस्तान भेजने से इनकार कर दिया और वापस लौट आईं।
भावनात्मक स्थिति:
सना ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “मेरे बच्चे अपने पिता से मिलने के लिए जोर दे रहे थे, लेकिन मैं उन्हें अकेले नहीं भेज सकती थी।” बॉर्डर से लौटने के बाद, सना अपने बच्चों को पाकिस्तान भेजने के बाद फूट-फूटकर रोईं।
प्रशासनिक प्रतिक्रिया:
मेरठ के पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) राकेश कुमार मिश्रा ने बताया कि सना ने स्थानीय पुलिस स्टेशन से संपर्क किया है और यदि कोई नई जानकारी सामने आती है, तो उस पर संज्ञान लिया जाएगा।
सना की अपील:
सना और उनके परिवार ने भारत सरकार से मदद की गुहार लगाई है, ताकि वह अपने बच्चों के साथ पाकिस्तान लौट सकें। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी अपील की है कि इस मानवीय संकट को समझते हुए उन्हें आवश्यक सहायता प्रदान की जाए।